ममता गुप्ता की काव्य रचना ‘जीवन गीत’ केवल शब्दों का खेल नहीं है; यह मानवीय भावनाओं, गहन संवेदनाओं, और आत्मिक जिज्ञासाओं का अद्वितीय प्रतिबिंब है। विशेष रूप से प्रेम और करुणा की बात करें तो ‘जीवन गीत’ के हर पन्ने पर इन भावनाओं का अत्यधिक संवेदनशील, दार्शनिक, और आत्मिक चित्रण किया गया है। इन कविताओं में प्रेम और करुणा केवल भावनाएँ नहीं हैं, बल्कि जीवन का आधार, मानव अस्तित्व की गहराई और समाज के मूल तत्वों के रूप में उभर कर आती हैं।
प्रेम की व्यापकता और इसकी गहनता
ममता गुप्ता के लेखन में प्रेम को पारंपरिक सीमाओं से परे ले जाकर उसकी असली व्यापकता और गहनता को प्रस्तुत किया गया है। ‘जीवन गीत’ में प्रेम को केवल रोमांटिक या व्यक्तिगत भावना के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि इसे सार्वभौमिक, आत्मिक और सामाजिक संदर्भों में समझा गया है। उनकी कविताओं में प्रेम एक ऐसी शक्ति के रूप में उभरता है जो न केवल दो व्यक्तियों को जोड़ता है, बल्कि यह पूरी सृष्टि और जीवन के हर पहलू को समाहित करता है।
ममता गुप्ता के अनुसार प्रेम एक मात्र भावना नहीं है, बल्कि यह आत्मा का जागरण है। यह उस ऊर्जा का स्रोत है जो जीवन को अर्थ प्रदान करती है। उनकी कविताओं में यह प्रेम व्यक्तिगत सीमाओं से निकलकर मानवता के प्रति, प्रकृति के प्रति और समाज के प्रति एक दायित्व के रूप में प्रकट होता है। प्रेम का यह व्यापक दृष्टिकोण ‘जीवन गीत’ को विशेष बनाता है, क्योंकि यह पाठक को प्रेम की गहरी और व्यापक समझ तक पहुँचाता है।

करुणा का आत्मिक चित्रण
करुणा ममता गुप्ता की कविताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और ‘जीवन गीत’ में करुणा को एक आत्मिक गुण के रूप में चित्रित किया गया है। करुणा न केवल दूसरे के दुःख को समझने की क्षमता है, बल्कि यह उस दुःख को दूर करने की इच्छा और कर्तव्य भी है। ममता गुप्ता की कविताओं में करुणा को केवल एक सामाजिक गुण नहीं माना गया, बल्कि इसे आत्मिक उन्नति का मार्ग बताया गया है। करुणा वह शक्ति है जो मानव को अपने आत्मिक विकास की दिशा में प्रेरित करती है।
उनकी कविताओं में करुणा केवल मानवीय गुणों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में व्याप्त है। प्रकृति, पशु-पक्षी, और जीवन के अन्य तत्वों के प्रति करुणा का भाव उनकी कविताओं में बार-बार उभरकर आता है। करुणा की यह दृष्टि उनके लेखन को दार्शनिक और आत्मिक ऊँचाइयों तक ले जाती है।
प्रेम और करुणा: जीवन का सार
‘जीवन गीत’ में प्रेम और करुणा को जीवन के मूल तत्वों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। ममता गुप्ता के लिए प्रेम और करुणा किसी बाहरी तत्व का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि यह हमारी आत्मा के अंश हैं। इन कविताओं में यह विचार प्रमुख रूप से उभरता है कि बिना प्रेम और करुणा के जीवन अधूरा है। वे मानती हैं कि प्रेम और करुणा ही वे दो शक्तियाँ हैं जो जीवन को संपूर्णता और पूर्णता प्रदान करती हैं।
कविताओं में यह संदेश भी गहराई से समाहित है कि प्रेम और करुणा केवल बाहरी कर्तव्यों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह हमारे भीतर की आत्मा के लिए भी आवश्यक हैं। उनकी कविताओं में प्रेम और करुणा को एक आंतरिक यात्रा के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो व्यक्ति को आत्मिक शांति और आनंद की ओर ले जाती है।
मानवता के प्रति प्रेम और करुणा का संदेश
ममता गुप्ता की कविताओं में प्रेम और करुणा केवल व्यक्तिगत संबंधों तक सीमित नहीं रहते। वे इन भावनाओं को मानवता के व्यापक संदर्भ में देखती हैं। ‘जीवन गीत’ में ममता गुप्ता ने प्रेम और करुणा को समाज में सुधार और एक बेहतर भविष्य की दिशा में प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया है।
उनकी कविताओं में यह दृष्टिकोण बार-बार उभरता है कि यदि समाज में प्रेम और करुणा के मूल्यों को बढ़ावा दिया जाए, तो समाज की बुराइयों और अन्यायों का अंत हो सकता है। प्रेम और करुणा मानवता को जोड़ने वाली वे कड़ियाँ हैं, जो समाज को स्थिरता और संतुलन प्रदान करती हैं। ममता गुप्ता की कविताओं में यह स्पष्ट संदेश है कि प्रेम और करुणा के बिना समाज में स्थायित्व और शांति संभव नहीं है।
आध्यात्मिक प्रेम का चित्रण
ममता गुप्ता की कविताओं में प्रेम को केवल सामाजिक या व्यक्तिगत संबंधों के संदर्भ में नहीं देखा गया है, बल्कि यह आध्यात्मिक प्रेम का भी प्रतीक है। यह प्रेम आत्मा का अपने स्रोत के प्रति प्रेम है, जो जीवन को उच्चतर उद्देश्य और दिशा प्रदान करता है। ममता गुप्ता की कविताओं में यह आध्यात्मिक प्रेम एक यात्रा के रूप में चित्रित किया गया है, जहाँ व्यक्ति अपने भीतर की गहराईयों में उतरता है और सच्चे प्रेम की अनुभूति करता है।
उनकी कविताओं में यह विचार स्पष्ट रूप से उभरता है कि प्रेम केवल एक संबंध या भावना नहीं है, बल्कि यह आत्मा का वह आनंद है जो हमें हमारे मूल सत्य से जोड़ता है। ‘जीवन गीत’ में इस आध्यात्मिक प्रेम का चित्रण अत्यधिक गहन और सूक्ष्म है, जो पाठक को आत्म-चिंतन और आत्म-विश्लेषण के लिए प्रेरित करता है।
करुणा और दया: मानवता के प्रति दृष्टिकोण
‘जीवन गीत’ में करुणा और दया को मानवीय अस्तित्व के अनिवार्य गुणों के रूप में देखा गया है। ममता गुप्ता के लिए करुणा केवल एक सामाजिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह आत्मा की वह शक्ति है जो हमें अपने भीतर के सत्य से जोड़ती है। उनकी कविताओं में करुणा को जीवन की दिशा में एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
करुणा के बिना प्रेम अधूरा है, और प्रेम के बिना करुणा निरर्थक। ममता गुप्ता ने इन दोनों गुणों को मिलाकर एक संपूर्ण जीवन दृष्टि प्रस्तुत की है। करुणा वह है जो हमें दूसरों की पीड़ा को समझने और उसे कम करने के लिए प्रेरित करती है।
निष्कर्ष
ममता गुप्ता की ‘जीवन गीत’ एक ऐसी काव्य रचना है जो जीवन के मूल तत्वों—प्रेम और करुणा—को गहराई से समझने और जीने की प्रेरणा देती है। उनकी कविताओं में प्रेम और करुणा को केवल भावनाओं के रूप में नहीं, बल्कि जीवन के आधारभूत तत्वों के रूप में देखा गया है। ममता गुप्ता ने अपनी कविताओं में प्रेम और करुणा को एक नई दृष्टि और गहराई से प्रस्तुत किया है, जो पाठक को आत्मिक शांति और जीवन की सच्ची समझ की दिशा में प्रेरित करती है।
‘जीवन गीत’ के माध्यम से ममता गुप्ता ने यह संदेश दिया है कि प्रेम और करुणा केवल मानवता के गुण नहीं हैं, बल्कि यह जीवन के अस्तित्व की आधारशिला हैं। इन कविताओं के माध्यम से उन्होंने जीवन की उन गहराइयों को छूने की कोशिश की है, जहाँ प्रेम और करुणा के बिना कोई जीवन संभव नहीं है। उनके लेखन में प्रेम और करुणा की यह अद्वितीय प्रस्तुति पाठकों को आत्म-चिंतन और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में प्रेरित करती है, और जीवन को एक नए दृष्टिकोण से देखने का अवसर देती है।