Poems

Mamtawritess Short Poetry

Mamtawritess Short Poetry मैं कोई जन्मजात लेखिका तो नहीं

प्रिय पाठकों , मैं कोई जन्मजात लेखिका तो नहीं, जो अपनी उपलब्धियों का बखान आपके सामने कर सकूँ |मैंने तो बस चंद छोटी-छोटी सी कविताएं लिखी हैं |जिंदगी ने कुछ फुर्सत भरे लम्हे दिये,तो कलम कागजों पर चलने लगी और कुछ कृतियों ने रूप ले लिया | मैं चाहती हूँ, मेरा लेखन जिंदगी के मुस्कुराने […]

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Mamta Gupta Poems

Mamta Gupta Poems दिन-रात तेरा सजदा कैसे न करूँ

दिन-रात तेरा सजदा कैसे न करूँ कभी सोचा है, जब ईश्वर खुद को हमारी आत्मा में समा लेते हैं तो क्या हो सकता है? इस कविता में वही भावनाएँ हैं जो एक भक्त के दिल से निकल कर ईश्वर की ओर जाती हैं। श्वासें देकर हमें जीवन का उपहार दिया। प्यारे दिल के साथ प्रेम

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Poems by Mamta Gupta

Poems by Mamta Gupta जब तक मेरी आँखों के दीप जलते हैं

जब तक मेरी आँखों के दीप जलते हैं पानी की बूँदों में इंद्रधनुष की चमक देखूँ , रंग-बिरंगी तितलियों और चमकते जुगनुओं को कौतुक भरी नजरों से देखूँ , और बारिश में महकते फूलों और पेड़ों के साथ नाचूँ , तब तक, ऐ खुदा, मुझे ज़िंदगी का नायाब तोहफा देना। जब तक आसमान में ऊँची

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कैसे तुमको अनदेखा कर दूँ, Short Poems By Mamta Gupta| Mamtawritess

    View this post on Instagram   A post shared by Mamta Gupta (@mamtawritess) कैसे तुमको अनदेखा कर दूँ, तुम से मिलकर ही तो, मैं खुद से मिल पायी हूँ । तुम से मिलकर ही तो जाना, कैसे बिन गुलाबों के मौसम में भी, गालों पर गुलाब खिल जाया करते हैं । कैसे बिन

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Short poem By Mamta Gupta

कैसे तुमको अनदेखा कर दूँ Short Poem By Mamta Gupta

कैसे तुमको अनदेखा कर दूँ , तुम से मिलकर ही तो,मैं खुद से मिल पायी हूँ | तुम से मिलकर ही तो जाना, कैसे बिन गुलाबों के मौसम में भी, गालों पर गुलाब खिल जाया करते हैं | कैसे बिन बादल भी, बरखा हो जाया करती है | तुम से मिलने से पहले, मुझको मालूम

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