Mamtawritess Short Poetry

Mamtawritess Short Poetry मैं कोई जन्मजात लेखिका तो नहीं

प्रिय पाठकों ,
मैं कोई जन्मजात लेखिका तो नहीं, जो अपनी उपलब्धियों का बखान आपके सामने कर सकूँ |मैंने तो बस चंद छोटी-छोटी सी कविताएं लिखी हैं |जिंदगी ने कुछ फुर्सत भरे लम्हे दिये,तो कलम कागजों पर चलने लगी और कुछ कृतियों ने रूप ले लिया |
मैं चाहती हूँ,
मेरा लेखन जिंदगी के मुस्कुराने के बारे में हो ,
जिससे दुनिया का हर व्यक्ति जुड़ना चाहे,
जिसके सानिध्य में, वो सुकून पा सके |
जिस पर आकर वह महसूस कर सके,
यह लेखन उसी के बारे में है |
मेरी कामना है,
मैं आवाज बनूं,
ईश्वर के प्रति श्रद्धा और विश्वास की ,
जिसने इस अद्भुत संसार की रचना की,
मन में प्रेम दिया, विश्वास दिया,
इच्छाएं दी, जुनून दिया |
मैं आवाज बनूं,
इस धरा पर चारों ओर, बिखरे सौंदर्य की,
खिलते उपवनों की,चमकते जुगनुओं की,
महकते रिश्तों की, हंसते हृदयों की |
मैं आवाज बनूं,
अंर्तमन की,कि हर मन कह सके,
“यही मेरे मन की आवाज है ” |
आप एक बार मेरी रचनाओं के भीतर जाकर तो देखिये,जीवन के प्रति देखने का आपका नजरिया ही बदल जाएगा |
मुस्कराइए,यही जीवन है |
Written By Mamta Gupta

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *