mamtawritess poems

Mamtawritess Poems खुद को खोकर,तुमको पाया ।

खुद को खोकर,तुमको पाया ।
पर तुमको खोकर,
फिर से
खुद को पा न सकी ।|

तुमको पाकर,
जीवन ने नया एक गीत गाया था ।
तुमको खोकर,
फिर से गीत गा न सकी,
खुद को पा न सकी ।|

तुमको पाकर,
मैं सात घोड़ों पर सवार,
आसमाँ में विजरा करती थी ।
तुमको खोकर,
फिर से आसमाँ में विचर न सकी
खुद को पा न सकी ||

 

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