ममता गुप्ता की ‘जीवन गीत’ सिर्फ कविताओं का एक संग्रह नहीं है, बल्कि यह जीवन के विविध पहलुओं, भावनाओं, संघर्षों, और खुशियों का गहरा चित्रण प्रस्तुत करती है। यह संग्रह उन अनुभवों और संवेदनाओं का आईना है जो हम सभी अपने जीवन में महसूस करते हैं, लेकिन अक्सर शब्दों में व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं। ‘जीवन गीत‘ में ममता गुप्ता ने जीवन की छोटी-बड़ी सभी घटनाओं को इस प्रकार उकेरा है कि हर कविता पाठक के दिल में एक गहरा प्रभाव छोड़ती है। उनके लेखन की यह विशेषता है कि वह जीवन के अनछुए पहलुओं को भी अपनी कविताओं के माध्यम से सामने लाती हैं, जो पाठकों को न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि आत्म-विश्लेषण के लिए प्रेरित भी करती हैं।
जीवन के संघर्ष और उसकी सुंदरता
‘जीवन गीत’ की कविताओं में जीवन के संघर्षों को बड़ी ही सुंदरता और सरलता से चित्रित किया गया है। ममता गुप्ता ने अपनी कविताओं के माध्यम से यह दर्शाया है कि जीवन में आने वाले संघर्ष और कठिनाइयाँ केवल दर्द और तकलीफ ही नहीं लातीं, बल्कि यह हमारे जीवन को गहराई और उद्देश्य भी प्रदान करती हैं। उनकी कविताओं में संघर्ष के दौरान भी एक आशा की किरण दिखाई देती है, जो जीवन की अनिश्चितताओं के बीच पाठकों को धैर्य और साहस बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है।
उनकी कविताओं में यह विचार स्पष्ट रूप से दिखाई देता है कि जीवन के कठिन समय ही वह अवसर होते हैं जब इंसान अपने भीतर की छिपी हुई ताकतों को पहचान पाता है। संघर्ष केवल व्यक्ति को तोड़ने के लिए नहीं आते, बल्कि वे उसे मजबूत बनाने के साधन होते हैं। ‘जीवन गीत’ की कविताओं में जीवन की इस सच्चाई को बड़ी ही गहराई से व्यक्त किया गया है।
प्रकृति और मानव जीवन का गहरा संबंध
ममता गुप्ता की कविताओं में प्रकृति का विशेष स्थान है। ‘जीवन गीत’ में प्रकृति केवल एक पृष्ठभूमि के रूप में नहीं उभरती, बल्कि यह जीवन का प्रतीक है। उनकी कविताओं में पेड़, नदियाँ, फूल, और आकाश जैसी प्राकृतिक तत्वों के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाया गया है।
प्रकृति के साथ मानव जीवन का यह गहरा संबंध ममता गुप्ता की कविताओं में बार-बार उभरकर आता है। वे प्रकृति को जीवन का सजीव प्रतिबिंब मानती हैं। पेड़ की जड़ें, जो जमीन में गहरी होती हैं, उनके लिए जीवन के उन मूल्यों का प्रतीक हैं जो हमें स्थिरता और शक्ति प्रदान करते हैं। उनकी कविताओं में नदियाँ जीवन की निरंतरता का प्रतीक हैं, जो अपने रास्ते में आने वाले हर पत्थर को पार करके आगे बढ़ती रहती हैं

प्रेम और करुणा का अनूठा चित्रण
प्रेम और करुणा, ममता गुप्ता की कविताओं के दो प्रमुख तत्व हैं। ‘जीवन गीत’ में प्रेम केवल एक भावना नहीं है, बल्कि यह जीवन को जीने की कला है। उनकी कविताओं में प्रेम की गहराई और उसकी शक्ति को बड़े ही सजीव और संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
उनके लेखन में प्रेम का चित्रण केवल रोमांटिक प्रेम तक सीमित नहीं है। इसमें माता-पिता का अपने बच्चों के प्रति प्रेम, मित्रता का प्रेम, और मानवता के प्रति प्रेम भी शामिल है। ममता गुप्ता के लिए प्रेम वह शक्ति है जो जीवन को गति देती है, उसे संजीवनी प्रदान करती है। प्रेम के साथ-साथ, करुणा का भी उनके लेखन में विशेष स्थान है। करुणा को वे मानवता के प्रति हमारी जिम्मेदारी के रूप में देखती हैं। करुणा के बिना प्रेम अधूरा है, और यही वह संदेश है जो ‘जीवन गीत’ की कविताओं में बार-बार उभरता है।
आत्म-विश्लेषण और जीवन के प्रश्न
‘जीवन गीत‘ की कविताओं में आत्म-विश्लेषण की प्रवृत्ति भी प्रमुख रूप से दिखाई देती है। ममता गुप्ता के लिए कविताएँ केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह स्वयं को जानने और समझने का एक साधन भी हैं। उनकी कविताओं में जीवन के गहरे प्रश्नों का अन्वेषण किया गया है—जीवन का उद्देश्य क्या है? इंसान के संघर्ष और उसकी सीमाएँ क्या हैं? सुख और दुख के बीच का संतुलन कैसे स्थापित किया जाए?
उनकी कविताओं में यह स्पष्ट संदेश है कि जीवन के प्रश्नों का उत्तर हमें अपने भीतर ही ढूँढना होगा। आत्म-विश्लेषण और आत्म-साक्षात्कार के बिना जीवन की सच्ची समझ नहीं हो सकती। ‘जीवन गीत’ में जीवन की इस खोज को बड़े ही सरल और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो पाठक को गहरे आत्ममंथन के लिए प्रेरित करती है।
सामाजिक संदर्भ और मानवीय रिश्ते
‘जीवन गीत‘ की कविताओं में सामाजिक संदर्भों का भी विशेष स्थान है। ममता गुप्ता ने अपने लेखन में समाज के विभिन्न पहलुओं—जैसे रिश्तों की जटिलता, सामाजिक बुराइयाँ, और मानवीय संवेदनाएँ—को बहुत ही संजीदगी से चित्रित किया है। उनकी कविताओं में यह संदेश है कि समाज को बेहतर बनाने के लिए हमें सबसे पहले अपने भीतर के इंसान को समझना होगा और अपने रिश्तों को सहेजना होगा।
मानवता के प्रति उनका प्रेम और करुणा सामाजिक समरसता का प्रतीक है। वे मानती हैं कि एक अच्छा समाज वही है जहाँ प्रेम और करुणा के मूल्य सर्वोपरि होते हैं। ‘जीवन गीत’ की कविताओं में सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन के इस सामंजस्य को बड़ी ही गहराई से प्रस्तुत किया गया है।
निष्कर्ष
ममता गुप्ता की ‘जीवन गीत‘ केवल कविताओं का संग्रह नहीं है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न रंगों, भावनाओं, संघर्षों, और संवेदनाओं का एक गहन चित्रण है। यह संग्रह उन सभी के लिए है जो जीवन को गहराई से समझना चाहते हैं और उसके विविध पहलुओं से साक्षात्कार करना चाहते हैं। ममता गुप्ता ने अपनी कविताओं के माध्यम से जीवन को एक नई दृष्टि से देखने का अवसर दिया है, जो पाठकों को आत्म-विश्लेषण के साथ-साथ जीवन की सुंदरता और संघर्षों को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करता है। ‘जीवन गीत’ के माध्यम से ममता गुप्ता ने यह संदेश दिया है कि जीवन के सभी रंग—चाहे वे सुख के हों या दुख के—आवश्यक हैं, क्योंकि यही हमें जीवन को पूर्णता से जीने का अवसर देते हैं।