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दुष्यंत और शकुंतला पुस्तक के पीछे की कहानी

ममता गुप्ता :दुष्यंत और शकुंतला पुस्तक के पीछे की कहानी

ममता गुप्ता, दुष्यंत और शकुंतला की प्रेम कथा भारतीय पौराणिक साहित्य में एक अमर कथा मानी जाती है। यह प्रेम गाथा भारतीय संस्कृति और साहित्य में गहरी छाप छोड़ चुकी है। महाकवि कालिदास ने इसे अपने प्रसिद्ध नाटक ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्‘ के माध्यम से कालजयी बना दिया। यही वजह है कि यह प्रेम कहानी पीढ़ी दर पीढ़ी […]

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समाज और संस्कृति

ममता गुप्ता की कविताओं में समाज और संस्कृति का प्रतिबिंब

ममता गुप्ता की कविताओं में समाज और संस्कृति का प्रतिबिंब ममता गुप्ता की कविताएँ भारतीय समाज और संस्कृति का गहरा प्रतिबिंब प्रस्तुत करती हैं। उनकी रचनाओं में भारतीय संस्कृति की जड़ें, परंपराएँ, और समाज में हो रहे बदलावों को सजीवता के साथ चित्रित किया गया है। ममता की कविताओं में यह विशेषता है कि वे

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ममता गुप्ता की 'जीवन गीत' में आध्यात्मिकता की झलक

ममता गुप्ता की ‘जीवन गीत’ में आध्यात्मिकता की झलक

ममता गुप्ता की काव्य कृति ‘जीवन गीत’ केवल एक साहित्यिक रचना नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक अन्वेषण और मानवीय आत्मा की गहन यात्रा का दस्तावेज है। इस कृति में जीवन के विभिन्न आयामों को छूते हुए, आध्यात्मिकता की गहरी अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की गई है, जो पाठक को एक नये दृष्टिकोण से जीवन को समझने और

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mamtawritess poems

Mamtawritess Poems खुद को खोकर,तुमको पाया ।

खुद को खोकर,तुमको पाया । पर तुमको खोकर, फिर से खुद को पा न सकी ।| तुमको पाकर, जीवन ने नया एक गीत गाया था । तुमको खोकर, फिर से गीत गा न सकी, खुद को पा न सकी ।| तुमको पाकर, मैं सात घोड़ों पर सवार, आसमाँ में विजरा करती थी । तुमको खोकर,

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Short Poem By Mamta Gupta

Short Poem By Mamta Gupta चंदा,मेरे चंदा,औ चंदा,

चंदा,मेरे चंदा,औ चंदा, जब से तुझको देखा,तुझको ही देखा, जहाँ देखा,बस तेरा नजारा ही देखा | चंदा,मेरे चंदा,औ चंदा, जब से तुझको देखा, रंग ही रंग घुल गये,पूरे जहाँ में , हर फूल,हर पत्ता गाने लगा, हर भंवरा बस चुपचाप सुनने लगा | चंदा,मेरे चंदा,औ चंदा, नीचे चंदा देख,ऊपर चंदा भी शरमा उठा, तारे भी

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