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ममता राइट्स

ममता राइट्स की लेखनी: जीवन की सरलता और गहराई का अनूठा संगम

प्रिय पाठकों, लेखिका ममता राइट्स का यह संदेश न केवल उनकी लेखनी के प्रति उनकी भावनाओं को प्रकट करता है, बल्कि उनके दृष्टिकोण और लेखन शैली को भी बखूबी दर्शाता है। ममता जी का मानना है कि वह जन्मजात लेखिका नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपने जीवन के कुछ फुर्सत भरे पलों को रचनात्मकता में बदल […]

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ममता गुप्ता : साहित्य के माध्यम से नई पीढ़ी को संदेश

ममता गुप्ता : साहित्य के माध्यम से नई पीढ़ी को संदेश

ममता गुप्ता अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं पर गहरी दृष्टि डालती हैं। उनका लेखन केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से वह समाज और विशेष रूप से नई पीढ़ी को प्रेरणा और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। उनकी रचनाओं में न केवल भावनात्मकता और सुंदरता की झलक मिलती है,

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जीवन गीत' में जीवन के विभिन्न पहलुओं का चित्रण

ममता गुप्ता की ‘जीवन गीत’ में जीवन के विभिन्न पहलुओं का चित्रण

ममता गुप्ता की ‘जीवन गीत’ सिर्फ कविताओं का एक संग्रह नहीं है, बल्कि यह जीवन के विविध पहलुओं, भावनाओं, संघर्षों, और खुशियों का गहरा चित्रण प्रस्तुत करती है। यह संग्रह उन अनुभवों और संवेदनाओं का आईना है जो हम सभी अपने जीवन में महसूस करते हैं, लेकिन अक्सर शब्दों में व्यक्त करने में असमर्थ होते

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ममता गुप्ता की 'जीवन गीत' में आध्यात्मिकता की झलक

ममता गुप्ता की ‘जीवन गीत’ में आध्यात्मिकता की झलक

ममता गुप्ता की काव्य कृति ‘जीवन गीत’ केवल एक साहित्यिक रचना नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक अन्वेषण और मानवीय आत्मा की गहन यात्रा का दस्तावेज है। इस कृति में जीवन के विभिन्न आयामों को छूते हुए, आध्यात्मिकता की गहरी अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की गई है, जो पाठक को एक नये दृष्टिकोण से जीवन को समझने और

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'जीवन गीत' की कविताओं में जीवन की छोटी-छोटी खुशियों का चित्रण

‘जीवन गीत’ की कविताओं में जीवन की छोटी-छोटी खुशियों का चित्रण

ममता गुप्ता की काव्य कृति ‘जीवन गीत’ में जीवन की सरलतम अनुभूतियों और छोटी-छोटी खुशियों का बेहद संवेदनशील और गहन चित्रण मिलता है। उनकी कविताएँ हमें यह एहसास दिलाती हैं कि जीवन की असली सुंदरता उसकी सादगी में ही बसी होती है। इस कृति में उन क्षणों का जिक्र है, जो हमें रोजमर्रा की जिंदगी

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Mamtawritess Short Poetry

Mamtawritess Short Poetry मैं कोई जन्मजात लेखिका तो नहीं

प्रिय पाठकों , मैं कोई जन्मजात लेखिका तो नहीं, जो अपनी उपलब्धियों का बखान आपके सामने कर सकूँ |मैंने तो बस चंद छोटी-छोटी सी कविताएं लिखी हैं |जिंदगी ने कुछ फुर्सत भरे लम्हे दिये,तो कलम कागजों पर चलने लगी और कुछ कृतियों ने रूप ले लिया | मैं चाहती हूँ, मेरा लेखन जिंदगी के मुस्कुराने

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mamtawritess poems

Mamtawritess Poems खुद को खोकर,तुमको पाया ।

खुद को खोकर,तुमको पाया । पर तुमको खोकर, फिर से खुद को पा न सकी ।| तुमको पाकर, जीवन ने नया एक गीत गाया था । तुमको खोकर, फिर से गीत गा न सकी, खुद को पा न सकी ।| तुमको पाकर, मैं सात घोड़ों पर सवार, आसमाँ में विजरा करती थी । तुमको खोकर,

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Mamta Gupta Poems

Mamta Gupta Poems दिन-रात तेरा सजदा कैसे न करूँ

दिन-रात तेरा सजदा कैसे न करूँ कभी सोचा है, जब ईश्वर खुद को हमारी आत्मा में समा लेते हैं तो क्या हो सकता है? इस कविता में वही भावनाएँ हैं जो एक भक्त के दिल से निकल कर ईश्वर की ओर जाती हैं। श्वासें देकर हमें जीवन का उपहार दिया। प्यारे दिल के साथ प्रेम

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Poems by Mamta Gupta

Poems by Mamta Gupta जब तक मेरी आँखों के दीप जलते हैं

जब तक मेरी आँखों के दीप जलते हैं पानी की बूँदों में इंद्रधनुष की चमक देखूँ , रंग-बिरंगी तितलियों और चमकते जुगनुओं को कौतुक भरी नजरों से देखूँ , और बारिश में महकते फूलों और पेड़ों के साथ नाचूँ , तब तक, ऐ खुदा, मुझे ज़िंदगी का नायाब तोहफा देना। जब तक आसमान में ऊँची

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कैसे तुमको अनदेखा कर दूँ, Short Poems By Mamta Gupta| Mamtawritess

    View this post on Instagram   A post shared by Mamta Gupta (@mamtawritess) कैसे तुमको अनदेखा कर दूँ, तुम से मिलकर ही तो, मैं खुद से मिल पायी हूँ । तुम से मिलकर ही तो जाना, कैसे बिन गुलाबों के मौसम में भी, गालों पर गुलाब खिल जाया करते हैं । कैसे बिन

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